वो फुरसत के दिन, रातें सुहानी याद आतीं है वो कोसों दूर गम से जिंदगानी , याद आती है! वो फुरसत के दिन, रातें सुहानी याद आतीं है वो कोसों दूर गम से जिंदगानी , याद आ...
मन भावन पहेलियां घर परिवार का परमेश्वर पुरस्कार खजाना। मन भावन पहेलियां घर परिवार का परमेश्वर पुरस्कार खजाना।
जब पहुंचे पचपन में याद बहुत आया तब अपना बीता नायाब मदमस्त जमाना। जब पहुंचे पचपन में याद बहुत आया तब अपना बीता नायाब मदमस्त जमाना।
उम्र शरीर की होती है जनाब, मन कहाँ सोलह और पचपन के फेर में पड़ता है। उम्र शरीर की होती है जनाब, मन कहाँ सोलह और पचपन के फेर में पड़ता है।
वो बारिश का पानी पानी में भीगना याद है। वो दोपहर में सोने का झूठा बहाना याद है ! वो बारिश का पानी पानी में भीगना याद है। वो दोपहर में सोने का झूठा बहाना...
मां कहती है मैं थी नटखट। भोली सूरत तेज़ दिमाग। मां कहती है मैं थी नटखट। भोली सूरत तेज़ दिमाग।